- बाटों खुशियाँ इस जीवन में,
- कल को किसने देखा है;
- यही सत्य है इस जीवन का,
- बाकी तो सब धोखा है ;
- सत्कर्मों का उद्यम कर लो,
- दुष्कर्मों से दूर रहो;
- मृत्यु के तुम भय को त्यागो,
- जीवन से भरपूर रहो;
- कर्मों से किस्मत को मोड़ो,
- उस पर ही विश्वास करो;
- दीन-हीन की सेवा में ही ,
- तीरथ गंगा घाट करो;
- स्वर्ग नर्क की परिभाषा को,
- निजकर्मों से बदलो तुम ;
- कर्म हमारा भाग्य बनात
- जैसा मर्जी लिख लो तुम
kamlesh verma
1 टिप्पणियाँ:
नीतिपरक अच्छी पोस्ट ।
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