मूंदी ही थी आँखें मैंने ,लगा आमद हुई है आपकी ,।
हवा ने गिरा दिया आंचल ,लगा आमद हुई है आपकी ।
सिहरा बदन रेशमी सी छुवन ,लगा आमद हुई है आपकी ।
कसमसाये अरमां दिल के मेरे, लगा आमद हुई है आपकी .
''कमलेश''
मंगलवार, 2 मार्च 2010
आमद ...!!
प्रस्तुतकर्ता कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 पर मंगलवार, मार्च 02, 2010
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