बुधवार, 27 जनवरी 2010

दी जिसने हंसी लबों..!!!




गुजरे हुए वक्त को भुलाया नही करते ,
दी जिसने हंसी लबों पर, उसे रुलाया नही करते

खुदा की कसम वो जमाना भी खास था ,
उन हसीं लम्हों को यूँ ही भुलाया नही करते

बीते हुए वक्त ने दिए होंगे तुम्हे जख्म भी ,
वक्त बे वक्त सबको जख्म दिखाया नही करते

गुजरे हुए वक्त की नसीहत से सीख लो ,
आने वाले वक्त को इससे मिलाया नही करते

छोड़ दो 'कमलेश' जो तुमको पसंद है ,
काँटों को फूलों के आँचल में सुलाया नही करते

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kamlesh