गुजरे हुए वक्त को भुलाया नही करते ,
दी जिसने हंसी लबों पर, उसे रुलाया नही करते ।
खुदा की कसम वो जमाना भी खास था ,
उन हसीं लम्हों को यूँ ही भुलाया नही करते ।
बीते हुए वक्त ने दिए होंगे तुम्हे जख्म भी ,
वक्त बे वक्त सबको जख्म दिखाया नही करते ।
गुजरे हुए वक्त की नसीहत से सीख लो ,
आने वाले वक्त को इससे मिलाया नही करते ।
छोड़ दो 'कमलेश' जो तुमको न पसंद है ,
काँटों को फूलों के आँचल में सुलाया नही करते ॥
बुधवार, 27 जनवरी 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें