सोमवार, 5 अप्रैल 2010

तिरछी नजर से देखे ,किसकी?..


तिरछी नजर से देखे ,किसकी? हिम्मत हिंदुस्तान को ,
मिनटों में धुल चटा देंगे ,उस पाजी शैतान को

हमदर्दी का रुख को समझो , हमारी कमजोरी है ,
जब-जब किसी ने गलती ,उसकी बांह मरोड़ी है

उन्नति के शिखर पर चढ़ते रहना ,इस देश का जनून है ,
देश के हर रग-रग में दौड़े ,देश भक्तों का खून है

जब-जब-देश पर आन पड़ी ,दी क़ुरबानी वीरों ने ,
कभी जौहर दिखाए तीरों ने ,कभी तेज शमशीरों ने

छुप -छुप के वार करें फिर भी, देश मेरा खामोश हैं ,
एक बार में होगा सफाया ,पास हमारे ''ब्रह्मोश ''है

चाहे जितना जोर लगा ले ,पाक नापाक और बेईमान ,
इससे ज्यादा प्रबल होगा ,अपना प्यारा ''हिंदुस्तान जय हिंद

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kamlesh